उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने उत्तर प्रदेश को चार भागों में विभाजित करने की बात कही है और इससे राज्यों के निर्माण पर और इस फैसले के सही या ग़लत होने पर एक ज़बरदस्त बहस छिड़ गई है.
देखा जाये तो विकास के लिए छोटे राज्यों का होना फायदेमंद ही होता है क्योकि छोटे राज्यों में विकास की योजनाये जल्दी लागू होती हैं, केंद्र से मिलने वाली सुविधाओं का बेहतर वितिरण होता है, सुरक्षा व्यवस्था मजबूर होती है, यानि कि यह कहा जा सकता है कि शांति और सहूलियत से काम होता है.
ऐसे बहुत से क्षेत्र है जहाँ विकास वाकई में नहीं है, जैसे कि आप पूर्वांचल और बुंदेलखंड को देख लें. इसके विपरीत ये देखा जाये कि अगर इसी तरह से राज्य की मांगे तूल पकड़ने लगीं तो यह देश के लिए एक बड़ा संकट होगा, क्योकि ये मांगें अक्सर राजनितिक लाभ के लिए ही की जातीं हैं न कि विकास के लिए. देखा जाये तो जो राज्य नए बनेगे फिर उनको भी विभाजित करने की बात की जाने लगेगी. इसके अलावा पूर्व में भी जो राज्य विभाजित हुए हैं उनमे ज्यादातर में ऐसा विकास नहीं दिखता कि उससे आम जनता को बहुत लाभ मिल गया हो. छत्तीसगढ़ और झारखण्ड को देख कर तो ऐसा ही लगता है कि यह सिर्फ और सिर्फ एक राजनीति स्टंट के सिवा कुछ नहीं.
चलिए अब देखतें हैं की उत्तर प्रदेश के विभाजन में सबसे ज्यादा फायदा किस राज्य को होगा................
इस विभाजन में "पूर्वांचल" सबसे बड़ा राज्य होगा जिसके ३२ जनपद होंगे. देखा जाये तो पूर्वांचल में सिर्फ वाराणसी ही एक ऐसा जनपद है जो शिक्षा, हॉस्पिटल, पर्यटन और आधुनिक सुविधाओं से भरपूर है आप यह कह सकते हैं की पूर्वांचल को सम्हालने वाला एक मात्र शहर.
इसके बाद "हरित प्रदेश" जिसमे २२ जनपद होंगे. यहाँ कृषि अर्थव्यवस्था बहुत ही बेहतर है.
अवध प्रदेश यानि कि उत्तर प्रदेश का मध्य हिस्सा जिसमे करीब १४ जनपद होंगे और यह कहा जा सकता है की मायावती जी के लिए सबसे फायेदेमंद होगा. यहाँ लखनऊ.अयोध्या और दुधवा नेशनल पार्क से पर्यटन से फायदा है तो दूसरी ओर तो कानपुर जैसा बड़ा औधोगिक शहर भी है जो विकास को गति प्रदान करेगा.
सबसे छोटा होगा बुंदेलखंड इसमें ७ जनपद आएंगे और यह आर्थिक रूप से काफी पिछड़ा हुआ और भोगोलिक रूप से भी यहाँ जीवन यापन काफी मुश्किल है|
परिस्थितियों पर गौर करने के बाद आपको क्या लगता है ,यह राज्य विभाजन सही है अथवा ग़लत??
बरिस्ता एक ऐसा मंच है जिस पर विविध विषयों पर हम सभी आपस में चर्चा करेंगे। आज इस चर्चा का पहला विषय आप सभी के सामने प्रतिपादित किया जा रहा है।
आइये ‘बरिस्ता’ में इसी बिंदु पर कुछ चर्चा करते हैं और इसके कुछ पहलुओं को समझने की कोशिश करते हैं.
आप भी हमारे साथ इस चर्चा में शामिल हों और अपने विचारों से सभी को अवगत करायें कि क्या छोटे राज्यों के निर्माण से देश का विकास सम्भव है? क्या देश का विकास सिर्फ और सिर्फ छोटे राज्यों के द्वारा ही किया जा सकता है?
चर्चा के लिए विषय है-छोटे राज्यों से ही देश का विकास सम्भव
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